यो पेज मैले आफ्नो आमा स्व .रेहाना खातुन को यादमा बनाएको छु ...

हिन्दी : ये वेब साइट हमने अपनी अम्मि कि यादमे बनाया है English: I have created this site In the Memory of My Beloved Mother Rehana Khatun...I miss you always Ammi.

What will be the Namaz Praying Time Table

I will write here deeni talim....

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Monday, August 14, 2023

QUESTIONS IN THE GRAVE

 











QUESTIONS IN THE GRAVE

Ask : Man Rabbuka ? Who is your Lord ?
Answer : Allahu Rabbi . Allah is my Lord .
Ask : Man Nabiyyuka ? Who is your prophet ?
Answer : Muhammadun Nabiyyi . My Prophet is
Muhammad (S.A.W)
Ask : Ma Dinuka ? What is your religion ?
Answer : Al-Islamu Dini . My religion is Islam
Ask : Man Imamuka ? Who is your Imam ?
Answer : Al Qur'an Imami. My Imam is Al -Qur'an
Ask : Aina Qiblatuka ? Where is your Qibla?
Answer : Al-Ka'batu Qiblati . My Qibla is Ka'aba
Ask : Man Ikhwanuka ? Who are your brothers and
sisters ?
Answer : Al-Muslimun Wal Muslimat Ikhwani .
Muslimin and Muslimat are my brothers and
sisters..
The answer is very simple right?
But, are we able to answer it easily?
When our body lying on the belly of the earth.
When darkness , slamming the fear.
When the body , shivering.
Where nobody can help .
Yes , There is no one who can help us.
Jst the good deeds while in life will help.
Astaghfirullahal ' Adzim ..
Forgive us Oh ALLAH ..
We are only a servant , always do sins and evil
Ya ALLAH ...
Allow us, forever seek for Your Maghfirah and
Mercy ..
Show us the way towards the bright light of Thy ..
Guide us to the straight path .
So that we do not lost ...
Aamiin Yaa Rabbal ' Aalamiin.
Ya Allah Please help us and all those who say ,"
Ameen"... from the torment of the Fire & give us
Your Jannatul Firdaus.(Ameen)



Wednesday, June 29, 2022

Darood Sharif Hindi Mein

 

Darood Sharif Hindi Mein 

दुरुद शरीफ के लिए अल्लाह तआला का इर्शाद हे की

इन्नल लाहा मलाय कतऊ युसैलुना अलन्नबी या अय्यो हल लजीना आ मनु सल्लू अलैहि व सल्लिमों  तस्लीमा

तर्जुमा- बेशक अल्लाह और उसके फ़रिश्ते दुरुद भेजते है उस गैब 

बताने वाले [नबी] पर ! ए ईमान वालो उन पर दुरुद और खूब सलाम भेजो


 

01. दुरूदे इब्राहीमी

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिवॅं व अ़ला आलि सय्येदिना मुहम्मदिन कमा स़ल्लेता्  अ़ला सय्यिदिना इब्राहिमा् व अ़ला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा् इन्नका् हमीदुम मजीद

अल्लाहुम्मा् बारिक अ़ला सय्येदिना मुहम्मदिवॅं व अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन कमा बारक-ता् अ़ला सय्यिदिना इब्राहिमा्  व अ़ला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा् इन्नका् हमीदुम मजीद

दुरूदे इब्राहीमी सभी दुरूदो से अफजल दुरुद है ! दुरूदे इब्राहीमी को नमाज़ में भी पढ़ा जाता है  इसलिए ये दुरुद पाक हम सबको याद होना चाहिए ! 

Darood-E-Ibrahim 

दुरूद-ए-इब्राहिम आप इस तरह से भी पढ़ सकते हो 

अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा सललेता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद 

अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद 

02. दुरूदे शफाअत

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुह़म्मदिवॅं व् अ न ज़िल हुल मक़ अ़दल मुक़र-रबा् इन दका् यौमल क़ियामति सल्ललाहु अ़लेहि व् सल्लम

हजरते रुवैफ़अ़ बिन साबित अंसारी फरमाते हे ! की रसूलल्लाह सल्ललाहु अ़लैहि व् सल्लम ने इरशाद फ़रमाया ! जिस शख़्स  ने ये कहा – उस के लिए मेरी शफ़ाअ़त वाजिब हो गयी !

 

03. हुजूर सल्लाहो अ़लैहि व सल्लम की जियारत 

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला रूह़ि मुहम्मदिन फ़िल अर्वाह़ि व स़ल्लि अ़ला ज स दि मुहम्मदिन फ़िल अज सादि व स़ल्लि अ़ला क़ब्रि मुहम्मदिनफ़िल कुबूरि 

जो शख्स ये ट्टरूद शरीफ़ पढेगा उसको ख्वाब में हुजुरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की जियारत होगी  

you also read islamic dua 

04. दुरूदे गौसिया 

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना व मौलाना मुहम्मदिम मअ्दि-निल जूदि वल क र मि व आलिही व बारिक व सल्लिम 

हदीस शरीफ़ : हुजूर रहमते आलम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लिम फ़रमाते हैं ! क़ियामत क़े दिन मुझ से सब में ज्यादा क़रीब वाे हाेगा ! जिस ने सब से ज्यादा मुझ पर दुरूद भेजा है

 https://mimworld.in/2020/04/darood-sharif-hindi-mein/

 

5. रोज़ी में बरकत 

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन अ़ब्दिका व रसूलिका व स़ल्लि अ़लल मुअ्मिनीना् व  मुअ्मिनाति वल मुस्लिमीना् वल मुस्लिमाति 

जिस शख्स की ये ख्वाहिश हाे कि उसका माल बढ जाए ! वो इस दुरूद शरीफ़ को पढा करै 

 

6.मस्जिद में आने और जाने पर दुरूद शरीफ 

बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन 

हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जब मस्जिद यें जाते या मस्जिद से निकलते तो ये दुरूद शरीफ ( darood sharif ) पढा करते थे 

 

07. मुकम्मल दुरूद शरीफ

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिव व अ़ला आलि मुहम्मदिन 

हुजूरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सहाबा से एक मर्तबा फ़रमाया तुम ना-मुकम्मल दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) न पढा करो ! फिर सहाबए किराम के दर्याफ्त करने पर आप ने ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) तअलीम फ़रमाया

 

08. दोज़ख़ से नजात

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि व अ़ला आलिही वसल्लिम 

हजरत खल्लाद रहमतुल्लाह अलैह जुम्मा के दिन ये दुरूद शरीफ़ एक हजार मर्तबा पढा करते थे ! उनके इन्तिकाल के बाद उनके तकिया के नीचे से एक कागज मिला जिस पर लिखा हुआ था ! कि ये ख़ल्लाद दिन कसीर के लिए दोजख़ से आजादी का परवाना है  

 

09.  जन्नत में ठिकाना 

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि अ़लैंहिस-सलामु 

जुम्मा के दिन एक हजार मर्तबा ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पढने वाले को मरने से पहले जन्नत यें उसका ठिकाना दिखा दिया जाएगा 

 

10. अस्सी साल की इबादत का सवाब

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि व अ़ला आलिही व सल्लिम तस्लीमा 

जुमअ के दिन जहॉ नमाजे अस्र पढी हो उसी जगह उठने से पहले अस्सी मर्तबा ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) पढ़ने से अस्सी साल के गुनाह मुआफ होते हैं ! और अस्सी साल की इबादत का सवाब मिलता है

 

11. परेशानियाँ दूर हो

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि ताहिरिज़ ज़क्किय्यि सलातन तु-हल्लु बिहिल उ-क़-दु व तु-फ़वकू बि-हल कु-र-बु 

ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) बार बार पढने से अल्लाह तआला परेशानी दूर फरमा देता है 

 

12. दुरूदे इस्मे अअज़म

*अल्लाहु रब्बु मुहम्मदिन स़ल्ला अ़लैंहि वसल्लमा * नहनु इबादु मुहम्मदिन स़ल्ला अ़लैहि वसल्लमा *

ये दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) कम को क्या सौ मर्तबा रोजाना अपना मअमूल बना लीजिए ! फिर इसकी बरकात देखिए कि दीन व दुनिया के हर काम मेंकामयाबी आपके क़दम चूमेगी नाकामी की बादे ख़ज़ाँ कभी दूर से भी नहीं गुज़रेगी 

 

13. मग़फ़िरत का जरीया

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन कुल्लमा ज़-क-ऱहुज़ ज़ाकिरूना् व कुल्लमा ग़ फला् अ़न ज़िक-रिहिल ग़ाफिलूना् 

इमाम इस्माईल बिन मुजनी ने हजरत हमाम शाफ़ई को ख्वाब में देखा ! और पूछा अल्लाह तआल ने आपके साथ क्या मुआमला फ़रमाया ताे उन्होंने जबाब दिया ! इस दुरूद शरीफ़ ( darood sharif ) की बरकत से अल्लाह तआला ने मुझे बक्श दियाऔर इज्जत-ो  एहतराम से जन्नत में ले जाने का हुक्म दिया  

 

14. ईमान की हिफ़ाज़त 

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिवें व अ़ला आलि मुहम्मदिन सलातन दा-इ-मतम बि-दवा-मिका् 

जाे शख्स पचास मर्तबा दिन में और पचास मर्तबा रात में इस दुरूद शरीफ ( darood sharif ) काे पढेगा ! तो उसका ईमान जाने से महफूज होगा