यो पेज मैले आफ्नो आमा स्व .रेहाना खातुन को यादमा बनाएको छु ...

हिन्दी : ये वेब साइट हमने अपनी अम्मि कि यादमे बनाया है English: I have created this site In the Memory of My Beloved Mother Rehana Khatun...I miss you always Ammi.

What will be the Namaz Praying Time Table

I will write here deeni talim....

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Friday, September 10, 2021

आखिर इस्लामको विरुद्ध नकारात्मक प्रचार प्रसार किन गरिन्छ?

आखिर इस्लामको विरुद्ध नकारात्मक प्रचार प्रसार किन गरिन्छ?

आज विश्वभरी नै इस्लामको विरुद्ध नकारात्मक प्रसारप्रसार गरिदैंछ । यसलाई इस्लामफोबिया पनि भन्न सकिन्छ । तर त्यो भन्दा फरक कारण पनि रहेका छन् जुन आज म साझा गर्न गइरहेकोछु । ध्यान दिएर पढ्नु होला साथै मनन पनि गर्नुहोला ।

पहिलो कारण इस्लाममा रक्सीलाई हराम भनिएछ । किनभने विभिन्न खाले अपराधिक घटना बढाउने र घरेलुहिंसाका घटनाहरुको प्रमुख कारण मध्येको एक हो । यसार्थ यदि इस्लामको नकारात्मक प्रचार गरिएन् भने विश्वका ठुल्ठुला रक्सी र बियर कम्पनी घाटामा जानेछन् ।

वेश्यावृत्तिमा पुर्णरुपले रोक लाग्नेछ जसले गर्दा देश विदेशमा केटीहरुलाई ओसारपसार गर्ने गराउने दलालहरुको अनगिन्त कमाउने गरेको आम्दनीको स्रोत बन्द हुन्छ ।

आधुनिकताका नाममा चलिरहेको लीव इन रिलेशनमा प्रतिबन्ध लगाईनेछ । जसले गर्दा महिलालाई उपभोगको साधन सम्झेर अस्मिता संग खेल्वाड गर्ने काम बन्द भयो भने मोज गर्न पाउदैन्न् । 

बलात्कारीलाई मृत्युदंड दिईनेछ । जसले गर्दा हाल विश्व भरी अधिकांश सत्तामा बसेका बलात्कारीहरुको जमात सजाय पाउनेछ । समाजमा कुनै पनि बलात्कारी नेता, मन्त्री, अधिकारी बन्न पाउदैंन् किनभने मृत्युदंड पछि बाचेकै हुदैंन् । 

अश्लीलता फैलाउने टिकटक जस्ता साफ्टवेयर र वेबसाइडमाथि प्रतिबन्ध लगाई पुर्ण रुपले बन्द गरिनेछ । जसले गर्दा ठुल्ठुला साफ्टवेयर मेकरहरुको धन्दा चौपट हुनेछ ।

अपराधिक घटना हुदैंन्न् एउटा चोरले चोरी गर्दा चोरको हात काटिनेछ । जसले गर्दा चोरीसिकारी बन्द हुनेछ । यदि चोरी सिकारी बन्द भयो भने एकातिर चोरलाई संरक्षण दिइ छुटाउने अर्कोतिर जनतालाई सुरक्षाको आश्वासन दिई भोट लिएर कुर्सीमा बसेर गर्ने नेताहरु व्यापार ठप्प भइहाल्छ । 

इस्लाममा इस्लामिक पारिवारिक अदालतमा पक्ष र विपक्षलाई राखेर तत्काल फैसला गरी न्याय गरिने व्यवस्था छ । जबकि अदालतहरुमा एउटा सानो सम्पत्ति जग्गा अतिक्रमणको मुद्दामा पनि पचिसौं वर्ष लगाईन्छ । यहां सम्म कि मुद्दा गर्ने वादी प्रतिवादी हरुको मृत्यु भइसक्छ तर मुद्दाको फैसला हुदैंन् । किनभने वादी प्रतिवादीले भुक्तानी गर्ने रकमबाट नै अदालतका कर्मचारी ,वकिल र न्यायधीशहरुको धन्दा र जिविका चलिरहेको हुन्छ । यदि इस्लामको व्यवस्था अनुसार पारिवारिक अदालतले तुरुन्तै फैसला गर्ने भए भने उनीहरुको कोट पाईन्ट, टाई बेल्ट, सोफासेट , विदेशी झुमर डाइनिंग कोठा महंगा सवारी साधन सहितको शानशौकत र वर्षै पिच्छेको देश विदेश भ्रमण खर्चको आयस्रोत नै बन्द भइहाल्छ ।

कुरानापाकमा अल्लाहको आदेश छ ब्याज हराम छ यसकारण ब्याजको कारोबार गर्नेहरु पापी हुन् । किनभने यो कार्य र सिसटमले धनीलाई झन् धनी र गरीबलाई अझ गरीब बनाउंछ ।  यदि इस्लामको सही प्रचारप्रसार  गरियो भने विश्वका ठुल्ठुला बैंकहरुको गरीबलाई लुटेर धनी व्यवसायीहरुलाई झन् धनी बनाउने काम ठप्प भइहाल्छ ।

अनि इस्लामको ट्याक्स व्यवस्था अनुसार अढाइ प्रतिशत मात्र बुझाउनुपर्छ जसले गर्दा मनपरी ट्याक्स जी एसटी लगाएर गरीब जनतालाई लुट्न पाईदैन् अनि महगांई घट्छ गरीबहरु पनि कारोबार गरी आर्थिक रुपले सम्पन्न हुन सक्नेछन् ।

इस्लामले पुर्ण रुपले समानता , सहअस्तित्व, समान सम्मान, भाईचारा ,  सामाजिक सद्भाव र मानवताको सन्देश दिन्छ । जसको उदाहरण हेर्ने हो भने कुरानापाकमा एक ठांउमा अल्लाहको आदेश छ" तिम्रो लाई तिम्रो धर्म मेरो लागि मेरो धर्म" भने अर्को ठांउमा आदेश " "धर्ममा जोरजबरदस्ती छैन्" । तर प्रचार गरिन्छ इस्लाम कट्टरताको धर्म हो । किनभने यदि यो भ्रम फैलाईएन् भने धर्मको राजनीति सफल हुदैंन् । धर्मको राजनीति सफल भएन् भने सत्ता टिक्दैन् । 

यी यावत कारण छन् जसले गर्दा विश्वभरी इस्लामको नकारात्मक प्रचारप्रसार गरिन्छ । यो प्रोपेगैंडा फैलाउनेहरु मध्ये ठुल्ठुला व्यापारी र राजनीतिकर्मी हुन्छन् । अब प्रष्ट भयो होला कि इस्लामको गलत प्रचार कसले र किन गर्दैछन् ।

Friday, April 16, 2021

Know about Evil /शैतान / سايتان existing in Today World

साबधान !!!            साबधान !!!                     साबधान !!!

दुनिया मे सैतान ने अपना पैर पसार दिया है ...बुराई को अच्छा बनाकर पेश कर रहे है . बुरे लोगो का बोलबाला हो रहा है . बुरे लोग जो सैतान को मानते है वो हमारे चारो ओर ग्रुप बनाकर फैल गए  है ...वो लोग जो एक गुप्त समाज बनाकर रह्ते है ..और सैतान को मानने वाले इन्सनियत का खुन करने के लिए कभी भी एक साथ निकलते है है जरुरत पर्ने पर ...जिस इल्लुमिनती (Illuminati) कहते है ....जिनके आने का जिक्र कुरान मे भी किया गया और बाइबल मे भी ...कुरान मे आखिरत , दज्जाल के बारे मे बोला गया है...वोह जब भी आएगा तो अपने आप को खुदा बना के पेश करेगा ....नीचे का भिडिओ यहि सब सबुत दे रहा है ...कि कैसे Hollywood  से लेकर Bollywood  और World Politics मे वोह लोग New World Order के बारेमे खुले आम बात करते है ..इन्ही बातो का सबुत को लेकर मेरा नीचे का विडियो जो youtube पर पहले से अल्लाह के बन्तो ने उप्लोअड कर रख्खा है वोही नीचे दि गई है .

ये विडियो देख्न्ने के बाद आपको अल्लाह पर भरोशा और बढ जाएगा और आपका इमान और भी ज्यादा मजबुत हो जाएगी ...

 Illuminati क्या है / Illuminati के हो ? 



Saturday, April 10, 2021

बैदेशिक रोजगार अपडेट

                 बैदेशिक रोजगार अपडेट 


यस बैदेशिक रोजगार अपडेटको लागि 

http://www.mohdniyaz.com.np  हेर्नु होला .



DOHA SANDWICH PANEL

Country : Qatar                                                                                                Last Update : 29/12/2077

HELPER - 05

  • Basic Salary - 1000+300+OT+Accommodation+Transportations.
  • 09 hours / 26 days per month. 
  • All other benefits as per Qatar Law.
  • Should have basic english & hard work. 
  • Age Bar: 19 - 25 Only  
  • Cvs & Passport Scan only
To Apply Job :
Email : niyajsiddique@gmail.com

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DOHA SANDWICH PANEL                                                           Last Update : 29/12/2077

  • Position:- Almuniam Fabricator
  • Salary:- 1400
  • Visa in one week

To Apply Job :
Email : niyajsiddique@gmail.com


Tuesday, April 6, 2021

यह मु’स्लिम शख्स था दुनिया का पहला सच्चा वैज्ञनिक, इतिहास में छिपाया गया यह सच…

यह मु’स्लिम शख्स था दुनिया का पहला सच्चा वैज्ञनिक, इतिहास में छिपाया गया यह सच…

हुआ यूं कि मि’स्र का ख’ली’फा नील नदी में हर साल आने वाले बा’ढ़ से बड़ा हैरान था. उसने एक सा’इं’स’दा’न को कहा कि वह नील नदी की बा’ढ़ से निबटने का कोई हल निकाले. वह वैज्ञानिक उन दिनों बसरा में था और उसने दावा किया कि नील नदी के बा’ढ वाले पानी को पो’खरों और नहरों के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है और उस पानी को गर्मी के सूखे दिनों में इस्तेमाल किया जा सकता है.
अपना यह सुझाव लेकर, वह वैज्ञानिक काहिरा आया, और तब जाकर उसे यह इ’ल्म हुआ कि इंजीनियरिंग के लि’हा’ज से उसका सि’द्धां’त अ’व्या’व’हा’रि’क है. लेकिन मिस्र के क्रू’र और ह’त्या’रे ख’ली’फा के सामने अपनी गलती मान लेना, अपने गले में फां’सी का फं’दा खुद डालने जैसा ही था, ऐसे में उस वैज्ञानिक ने तय किया कि स’जा से बचने के लिए वह खुद को पा’ग’ल की तरह पेश करे.
नतीजतन, ख’ली’फा ने उसे मौ’त की सजा तो नहीं दी, लेकिन उसको उसी के घर में न’ज’र’बं’द कर दिया. उस वैज्ञानिक को म’न’मांगी मु’रा’द मिल गई. अकेलापन और पढ़ने के लिए बहुत कुछ.
दस साल बाद जब उस ख’ली’फा की मौ’त हुई तब जाकर वैज्ञानिक छूटा. यह वापस बगदाद लौट गया और तब तक उसके पास बहुत सारे ऐसे सिद्धांत थे, जिसने उसे दुनिया का पहला सच्चा वैज्ञानिक बना दिया.

उस वैज्ञानिक का नाम था इब्न अल-हैतम जिसने दस साल की नजर बं’दी के दौरान भौतिकी और गणित के सौ से अधिक काम पूरे कर लिए थे.
हम सब जानते हैं और पढ़ते आ रहे हैं कि सर आ’इ’ज’क न्यूटन ही दुनिया के अब तक के सबसे महान वै’ज्ञा’नि’क हुए हैं खासकर भौ’ति’की (फिजिक्स) की दुनिया में उनका योगदान अप्रतिम है.

सर आइजक न्यूटन को आधुनिक प्रकाशिकी (ऑप्टिक्स) का जनक भी कहा जाता है. न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण और गतिकी के अपने नियमों के अलावा लेंसों और प्रिज्म के अपने कमाल के प्रयोग किए थे. हम सबने ने अपने स्कूली दिनों में, प्रकाश के परावर्तन और अपवर्तन के उनके अध्ययन के बारे में जाना है और यह भी कि प्रिज्म से होकर गुजरने पर प्रकाश सात रंगों वाले इंद्रधनुष में बंटकर दिखता है.

लेकिन, न्यूटन ने भी प्रकाशिकी के अपने अध्ययन के लिए एक मु’स्लि’म वैज्ञानिक की खोजों का सहारा लिया है जो न्यूटन से भी सात सौ साल पहले हुए थे.

वैसे, आमतौर पर यही माना जाता है और खासतौर पर विज्ञान के इतिहास की चर्चा करते समय यही कहा जाता है कि रो’म’न सा’म्रा’ज्य के उ’त्क’र्ष के दिनों के बाद और आधुनिक यूरोप के रेनेसां (नवजागरण) की बीच की अवधि में कोई खास वैज्ञानिक खोजें नहीं हुईं. पर यह एकतरफा बात है और जाहिर है, भले ही यूरोप अं’ध’कार युग में रहा हो, पर यह जरूरी नहीं है कि बाकी दुनिया में भी ज्ञान के मामलें में अंधेरा छाया था. असल में, यूरोप के अलावा बाकी जगहों पर बदस्तूर वैज्ञानिक खोजें चल रही थीं.
अरब प्रायद्वीप के इलाके की बात करें तो नवीं से तेरहवीं सदी के बीच का दौर वैज्ञानिक खोजों के लिहाज से सुनहरा दौर माना जा सकता है.
इस दौर में गणित, खगोल विज्ञान, औषधि, भौतिकी, रसायन और दर्शन के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई. इस अवधि के बहुत सारे विद्वानों और वैज्ञानिकों में एक नाम था इब्न अल-हैतम का, जिनका योगदान सबसे बड़ा माना जा सकता है.
अल-हसन इब्न अल-हैदम का जन्म 965 ईस्वी में इराक में हुआ था और उन्हें आधुनिक वैज्ञानिक तौर-तरीकों का जनक माना जाता है.

आमतौर पर माना जाता है कि वैज्ञानिक तौर-तरीकों से खोज करने में घ’ट’ना’ओं की परख, नई जानकारी हासिल करना या पहले से मौजूद जानकारी को ठीक करना या उसे प्रे’क्ष’णों तथा मापों के आंकड़ों के आधार पर फिर से साबित करना, सं’क’ल्प’ना’एं ना कर उनके आंकड़े जुटाना है और इस तरीके की स्थापना का श्रेय 17वीं सदी में फ्रां’सि’स बेकन और रेने डिस्कार्तिया ने की थी, पर इब्न अल-हैतम यहां भी इनसे आगे हैं.
प्रायोगिक आंकड़ों पर उनके जोर और एक के आधार पर कहा जा सकता है कि इब्न अल-हैदम ही इस ‘दुनिया के पहले सच्चे वैज्ञानिक’थे.

Friday, March 12, 2021

3500 साल गुज़र चुके हैं लेकिन फिरोन कि लाश आज तक न गली है और न हीं सड़ी है ।

3500 साल गुज़र चुके हैं लेकिन फिरोन कि लाश आज तक न गली है और न हीं सड़ी है । 


यह लाश पड़ी हुई है मिस्त्र के एक संग्रहालय में आज भी इस लाश को देखें तो लगता है जैसे कोई आदमी अभी सोया हौ । 
फिरोन ऐसा ज़ालिम बादशाह था जिसने यह ऐलान कर दिया था कि मैं ही सबसे बड़ा खुदा हूँ  उस वक्त हज़रत मूसा नबी थे । 

इस बात पर अल्लाह ने फरमाया था "" मैं फिरोन की रूह निकाल लूंगा लेकिन उसके जिस्म को कयामत तक लोगों के लिए इबरत की निशानी बना दूंगा " 


हज़रत मूसा के लश्कर के लिए अल्लाह ने समंदर का पानी हटा कर रास्ता बनाया और जब फिरोन की फौज उससे गुजरी तो फिर पानी ने उसे अपनी चपेट में ले लिया

 आज भी फिरौन की लाश पर न आग असर करती है और न ही पानी  यह लाश सन् 1898 में लाल सागर में मिली थी !
 जिस पर डा मारिस बुकाय ने कई साल तक रिसर्च की थी और कुरान में इसका जिक्र पढ़कर प्रभावित होकर इस्लाम धर्म अपना लिया था !

रोज़ाना फिरोन की लाश पर गोश्त बढ़ जाता है और हैरत की बात यह है कि लगभग 3500 सालों तक समंदर में रहने के बावजूद उसकी लाश को किसी समुद्री मछली ने नहीं खाया । 

बेशक अल्लाह बहुत शक्तिशाली और सब जानने वाला है।




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Asslamaleikum Everyone !!! 

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Thanks,

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Sunday, February 7, 2021

Eid al-Fitr 2021 & Coming Year Details

 

Click Here to know about Eid Details

https://www.calendardate.com/eid_al_fitr_2021.htm


Tuesday, January 12, 2021

Mushrooms are Halaal (English,Nepali,Hindi)

In English 
"Mushrooms are Halaal. Rasoolullaah Sallallaahu `Alayhi wa Sallam said that mushrooms are good for the eyes. The Hadeeth appears in Bukhaari Shareef. Imaam ibn Qayyim al-Jawziyyah Rahmatullaahi `Alayhi also states in Zaad-ul-Ma`aad, with regards to mushrooms, that they are a cure for paralysis bi-Idhnillaah."

नेपालीमा 
"मशरूम हलाल हुन्। रसूलुल्लाह सल्लल्लाहुहु` अलेही वा सल्लमले भने कि च्याउ आँखाका लागि राम्रो छ। हदीथ बुखारी शरीफमा देखा पर्छिन्।  मशरूमहरू, ती पक्षाघात Paralysis लागि एक उपचार हो। "
हिन्दिमा
"मशरूम हलाल हैं। रसूलुल्लाह सल्लल्लाहुु अलैहि वसल्लम ने कहा कि मशरूम आँखों के लिए अच्छा है। हदीस बुखारी शरीफ़ में दिखाई देता है। इमाम इब्न क़बीम अल-जवाज़ियाह रहमतुल्लाहही` अलैहि भी ज़ाद-उल-मा-उल-मौ-उल-मा-मआ में हैं।  मशरूम, कि वे  Paralysis लिए एक इलाज हैं। ”