यो पेज मैले आफ्नो आमा स्व .रेहाना खातुन को यादमा बनाएको छु ...

हिन्दी : ये वेब साइट हमने अपनी अम्मि कि यादमे बनाया है English: I have created this site In the Memory of My Beloved Mother Rehana Khatun...I miss you always Ammi.

What will be the Namaz Praying Time Table

I will write here deeni talim....

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Friday, April 16, 2021

Know about Evil /शैतान / سايتان existing in Today World

साबधान !!!            साबधान !!!                     साबधान !!!

दुनिया मे सैतान ने अपना पैर पसार दिया है ...बुराई को अच्छा बनाकर पेश कर रहे है . बुरे लोगो का बोलबाला हो रहा है . बुरे लोग जो सैतान को मानते है वो हमारे चारो ओर ग्रुप बनाकर फैल गए  है ...वो लोग जो एक गुप्त समाज बनाकर रह्ते है ..और सैतान को मानने वाले इन्सनियत का खुन करने के लिए कभी भी एक साथ निकलते है है जरुरत पर्ने पर ...जिस इल्लुमिनती (Illuminati) कहते है ....जिनके आने का जिक्र कुरान मे भी किया गया और बाइबल मे भी ...कुरान मे आखिरत , दज्जाल के बारे मे बोला गया है...वोह जब भी आएगा तो अपने आप को खुदा बना के पेश करेगा ....नीचे का भिडिओ यहि सब सबुत दे रहा है ...कि कैसे Hollywood  से लेकर Bollywood  और World Politics मे वोह लोग New World Order के बारेमे खुले आम बात करते है ..इन्ही बातो का सबुत को लेकर मेरा नीचे का विडियो जो youtube पर पहले से अल्लाह के बन्तो ने उप्लोअड कर रख्खा है वोही नीचे दि गई है .

ये विडियो देख्न्ने के बाद आपको अल्लाह पर भरोशा और बढ जाएगा और आपका इमान और भी ज्यादा मजबुत हो जाएगी ...

 Illuminati क्या है / Illuminati के हो ? 



Saturday, April 10, 2021

बैदेशिक रोजगार अपडेट

                 बैदेशिक रोजगार अपडेट 


यस बैदेशिक रोजगार अपडेटको लागि 

http://www.mohdniyaz.com.np  हेर्नु होला .



DOHA SANDWICH PANEL

Country : Qatar                                                                                                Last Update : 29/12/2077

HELPER - 05

  • Basic Salary - 1000+300+OT+Accommodation+Transportations.
  • 09 hours / 26 days per month. 
  • All other benefits as per Qatar Law.
  • Should have basic english & hard work. 
  • Age Bar: 19 - 25 Only  
  • Cvs & Passport Scan only
To Apply Job :
Email : niyajsiddique@gmail.com

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DOHA SANDWICH PANEL                                                           Last Update : 29/12/2077

  • Position:- Almuniam Fabricator
  • Salary:- 1400
  • Visa in one week

To Apply Job :
Email : niyajsiddique@gmail.com


Tuesday, April 6, 2021

यह मु’स्लिम शख्स था दुनिया का पहला सच्चा वैज्ञनिक, इतिहास में छिपाया गया यह सच…

यह मु’स्लिम शख्स था दुनिया का पहला सच्चा वैज्ञनिक, इतिहास में छिपाया गया यह सच…

हुआ यूं कि मि’स्र का ख’ली’फा नील नदी में हर साल आने वाले बा’ढ़ से बड़ा हैरान था. उसने एक सा’इं’स’दा’न को कहा कि वह नील नदी की बा’ढ़ से निबटने का कोई हल निकाले. वह वैज्ञानिक उन दिनों बसरा में था और उसने दावा किया कि नील नदी के बा’ढ वाले पानी को पो’खरों और नहरों के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है और उस पानी को गर्मी के सूखे दिनों में इस्तेमाल किया जा सकता है.
अपना यह सुझाव लेकर, वह वैज्ञानिक काहिरा आया, और तब जाकर उसे यह इ’ल्म हुआ कि इंजीनियरिंग के लि’हा’ज से उसका सि’द्धां’त अ’व्या’व’हा’रि’क है. लेकिन मिस्र के क्रू’र और ह’त्या’रे ख’ली’फा के सामने अपनी गलती मान लेना, अपने गले में फां’सी का फं’दा खुद डालने जैसा ही था, ऐसे में उस वैज्ञानिक ने तय किया कि स’जा से बचने के लिए वह खुद को पा’ग’ल की तरह पेश करे.
नतीजतन, ख’ली’फा ने उसे मौ’त की सजा तो नहीं दी, लेकिन उसको उसी के घर में न’ज’र’बं’द कर दिया. उस वैज्ञानिक को म’न’मांगी मु’रा’द मिल गई. अकेलापन और पढ़ने के लिए बहुत कुछ.
दस साल बाद जब उस ख’ली’फा की मौ’त हुई तब जाकर वैज्ञानिक छूटा. यह वापस बगदाद लौट गया और तब तक उसके पास बहुत सारे ऐसे सिद्धांत थे, जिसने उसे दुनिया का पहला सच्चा वैज्ञानिक बना दिया.

उस वैज्ञानिक का नाम था इब्न अल-हैतम जिसने दस साल की नजर बं’दी के दौरान भौतिकी और गणित के सौ से अधिक काम पूरे कर लिए थे.
हम सब जानते हैं और पढ़ते आ रहे हैं कि सर आ’इ’ज’क न्यूटन ही दुनिया के अब तक के सबसे महान वै’ज्ञा’नि’क हुए हैं खासकर भौ’ति’की (फिजिक्स) की दुनिया में उनका योगदान अप्रतिम है.

सर आइजक न्यूटन को आधुनिक प्रकाशिकी (ऑप्टिक्स) का जनक भी कहा जाता है. न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण और गतिकी के अपने नियमों के अलावा लेंसों और प्रिज्म के अपने कमाल के प्रयोग किए थे. हम सबने ने अपने स्कूली दिनों में, प्रकाश के परावर्तन और अपवर्तन के उनके अध्ययन के बारे में जाना है और यह भी कि प्रिज्म से होकर गुजरने पर प्रकाश सात रंगों वाले इंद्रधनुष में बंटकर दिखता है.

लेकिन, न्यूटन ने भी प्रकाशिकी के अपने अध्ययन के लिए एक मु’स्लि’म वैज्ञानिक की खोजों का सहारा लिया है जो न्यूटन से भी सात सौ साल पहले हुए थे.

वैसे, आमतौर पर यही माना जाता है और खासतौर पर विज्ञान के इतिहास की चर्चा करते समय यही कहा जाता है कि रो’म’न सा’म्रा’ज्य के उ’त्क’र्ष के दिनों के बाद और आधुनिक यूरोप के रेनेसां (नवजागरण) की बीच की अवधि में कोई खास वैज्ञानिक खोजें नहीं हुईं. पर यह एकतरफा बात है और जाहिर है, भले ही यूरोप अं’ध’कार युग में रहा हो, पर यह जरूरी नहीं है कि बाकी दुनिया में भी ज्ञान के मामलें में अंधेरा छाया था. असल में, यूरोप के अलावा बाकी जगहों पर बदस्तूर वैज्ञानिक खोजें चल रही थीं.
अरब प्रायद्वीप के इलाके की बात करें तो नवीं से तेरहवीं सदी के बीच का दौर वैज्ञानिक खोजों के लिहाज से सुनहरा दौर माना जा सकता है.
इस दौर में गणित, खगोल विज्ञान, औषधि, भौतिकी, रसायन और दर्शन के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई. इस अवधि के बहुत सारे विद्वानों और वैज्ञानिकों में एक नाम था इब्न अल-हैतम का, जिनका योगदान सबसे बड़ा माना जा सकता है.
अल-हसन इब्न अल-हैदम का जन्म 965 ईस्वी में इराक में हुआ था और उन्हें आधुनिक वैज्ञानिक तौर-तरीकों का जनक माना जाता है.

आमतौर पर माना जाता है कि वैज्ञानिक तौर-तरीकों से खोज करने में घ’ट’ना’ओं की परख, नई जानकारी हासिल करना या पहले से मौजूद जानकारी को ठीक करना या उसे प्रे’क्ष’णों तथा मापों के आंकड़ों के आधार पर फिर से साबित करना, सं’क’ल्प’ना’एं ना कर उनके आंकड़े जुटाना है और इस तरीके की स्थापना का श्रेय 17वीं सदी में फ्रां’सि’स बेकन और रेने डिस्कार्तिया ने की थी, पर इब्न अल-हैतम यहां भी इनसे आगे हैं.
प्रायोगिक आंकड़ों पर उनके जोर और एक के आधार पर कहा जा सकता है कि इब्न अल-हैदम ही इस ‘दुनिया के पहले सच्चे वैज्ञानिक’थे.